जबलपुर राहुल सेन की रिपोर्ट/स्मार्ट मीटरों की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। लगातार सामने आ रही उपभोक्ताओं की शिकायतें इस ओर इशारा कर रही हैं कि बिजली कंपनियाँ साफ्टवेयर के जरिए मीटर रीडिंग में हेराफेरी कर उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली कर रही हैं। मार्च 2025 बिल जमा करने के 9 अप्रेल के बिजली बिल में उजागर हुए एक ताज़ा मामले में उपभोक्ता के मीटर की रीडिंग बिल में 385 यूनिट दर्शाई गई, जबकि बिल तिथि पर वास्तविक मीटर रीडिंग मात्र 182.2 यूनिट थी। वर्तमान में मीटर 244 यूनिट दर्शा रहा है। यह स्पष्ट करता है कि उपभोक्ता को लगभग दुगनी यूनिट का बिल थमाया गया है। यह वही तथाकथित स्मार्ट मीटर हैं, जिनकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। अब यह साफ हो चुका है कि इन स्मार्ट मीटरों के पीछे काम कर रहे सॉफ्टवेयर में गड़बडिय़ाँ हैं, जिनका उपयोग कर पिछले 2,3 वर्षों से बिजली कंपनी रिकॉर्ड राजस्व वसूली का दावा कर रही है। कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ नाटी शर्मा ने कहा की इस मुद्दे को जनहित से जुड़ा मानते हुए हर स्तर पर आवाज़ उठाएगी। जनता के साथ हो रही इस स्मार्ट ठगी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।