
जिला मंडला के प्रत्येक गांव में आशा एवं आंगनवाड़ी के माध्यम से बाल श्रवण 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग एवं पहचान किया जाना है। इसके लिए ग्राम स्तर पर बच्चों के चिन्हांकन एवं उपचार के लिए कार्ययोजना तैयार किया जाना है। जिसमें आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 01 जून से 30 जून तक अपने-अपने कार्य क्षेत्रों के ऐसे सभी बच्चे जो 01 अप्रैल 203 की स्थिति में 04 वर्ष की आयु से कम के है,उनका चिन्हांकन किया जाना है। जिसमें आंशिक रूप से श्रवण बाधित संदेहास्पद रूप से परिलक्षित है। इस कार्य में आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता भी सहयोग करेंगी। बताया गया कि आंशिक रूप से श्रवण बाधित संदेहास्पद चिन्हित बच्चों को 01 जुलाई से 31 जुलाई के मध्य सभी आंगनवाडी में आयोजित होने वाले सत्र में चिन्हित श्रवण बाधित बच्चों को आंगनवाडी केन्द्र पर प्राथमिक जांच के लिए लाया जाएगा। यहां एएनएम द्वारा ऐसे सभी बच्चों जिनमें श्रवण बाधित आंशिक रूप से है, उनकी पुन: जांच कर श्रवण बाधित के लिए पुष्टि की जाएगी।
आरबीएस के जिला समन्वयक अर्जुन सिंह ने बताया कि यदि ऐसे बच्चे जिनको सुनाई नहीं देता एवं बोल नहीं पाते, ऐसे सभी बच्चों की जांच वीएचएनडी के समय एएनएम के माध्यम से कराने के बाद यदि बच्चे में श्रवण बाधित संदेहांसपद रूप में परिलक्षित होता है तो उसे निकटतम हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में सीएचओ एवं आरबीएसके टीम के माध्यम से कन्फॉर्मेशन कराया जाना है। कन्फर्मेशन के बाद इन सभी बच्चों का कॉक्लियर इम्पलांट आरबीएसके के माध्यम से किया जाएगा। सभी जन समुदाय से अपील की गई है कि यदि 0 से 4 साल तक का कोई भी बच्चा जिसको सुनाई नहीं देता हो या बोल नहीं पाते हो, ऐसे सभी बच्चों को जिला चिकित्सालय में स्थित आरबीएसके के डीईआईसी केंद्र में आकर रजिस्ट्रेशन कराकर कॉक्लियर इम्पलांट का लाभ ले सकते है।
रिपोर्ट – पूजा ज्योतिषी मण्डला