
जबलपुर मध्यप्रदेश
जबलपुर से महापौर पद खोने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी दिख रही है। संगठन जहां 44 पार्षदों की जीत को सफलता मानकर खुश है, वहीं वरिष्ठ नेता महापौर की हार पर जिम्मेदार तय करने पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर चल रहे इस संवाद पर कई कार्यकर्ता भी अपनी राय रख रहे हैं। इस संवाद में नेताओं के बीच चल रही खींचतान उजागर हो गई। इधर, संगठन की कार्यप्रणाली को लेकर भी समीक्षा होने की संभावना जाहिर की जा रही है।
क्या है मामला-
नगर संगठन और समर्थक शहर में 44 पार्षद की जीत के लिए संगठन की पीठ थपथपा रहे थे। नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर समेत नगर उपध्यक्ष स्तर के कई पदाधिकारियों ने पार्षद की जीत पर संगठन को बधाई दी। ये सभी पोस्ट इंटरनेट मीडिया में शेयर की गई। जिसके बाद पूर्व महापौर प्रभात साहू ने भी फेसबुक वाल पर 44 पार्षदों की जीत वाले पोस्ट के बाद तंज कसते हुए लिखा कि ‘वाह रे मीठा मीठा गप। कड़वा कड़वा थू। डाक्टर जामदार कैसे हार गए कौन जिम्मेदारी लेगा”। इस पोस्ट को भी कई भाजपा नेताओं ने समर्थन करते हुए शेयर किया। इस पोस्ट पर ही नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर ने भी उल्टा ही प्रभात साहू को उनकी चुनाव में जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए इंटरनेट मीडिया में इस तरह की पोस्ट को अमर्यादित बताया। वहीं कई समर्थकों ने भी नगर संगठन के बदलाव को लेकर संदेश डाले। जिसके जवाब भी कई नगर पदाधिकारियों ने दिए। इसमें साफ हो गया कि भाजपा में स्थानीय स्तर पर दो गुट बन चुके हैं। एक गुट नगर संगठन में बदलाव करने के लिए निकाय चुनाव की हार को सही वक्त मान रहा है। वहीं नगर संगठन संगठन अपनी साख बचाने के लिए हार के लिए सामूहिक जिम्मेदारी तय करने में जुटा हुआ है।
12 राशियों का फल
वार्ड स्तर पर आंकलन-
नगर संगठन महापौर चुनाव के नतीजों का गहन अध्ययन कर रहा है ताकि समझा जा सके कि आखिर हार सिर्फ कुछ स्थानों से हुई या फिर हर किसी के यहां एक जैसा महौल था। इसके लिए वार्ड स्तर पर आंकड़े जुटाने का काम हो रहा है ताकि जाहिर हो सके है कि शहर के दिग्गज नेता तक अपने वार्ड को जिताने में नाकाम रहे। प्रदेश संगठन के साथ भी जब बैठक होगी तो उसमें इस आंकड़े को पेश कर हर नेता के प्रदर्शन को जाहिर किया जाएगा।
कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का हुआ शुभारंभ
प्रभात साहू ने कहा कि 44 पार्षदों की जीत कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है। हमें महापौर पद क्यों हारे इस पर चिंतन करना चाहिए था। मेरी पोस्ट में भी यही सवाल है कि जीत का जब श्रेय लिया जा रहा है तो हार के लिए भी जिम्मेदारी क्यों तय नहीं हो रही। वहीं पूरे मामले में नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने 44 वार्ड जीते इसका कार्य इंटरनेट मीडिया में पोस्ट डाल रहे हैं उसमें पूर्व महापौर प्रभात साहू को सवाल उठाना नहीं चाहिए था। कोई बात है तो उसके लिए संगठन की प्रक्रिया है। इंटरनेट मीडिया में सार्वजनिक बातें इस तरह से कहना अमर्यादित है। वो खुद चुनाव में सह प्रभारी थे। उनके द्वारा नियुक्त कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई थी। हार की वजहों पर संगठन स्तर पर चिंतन किया जा रहा है