धर्मेन्द्र महंत की रिपोर्ट
लैलूंगा:- ग्रामीण इलाकों में अब सार्वजनिक शौचालय केवल स्वच्छता का प्रतीक नहीं रहे जनपद पंचायत लैलूंगा के एक अभिनव के तहत यह स्थान एक आजीविका के रूप में तब्दील हो चुके हैं
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत निर्मित सार्वजनिक शौचालय के साथ जोड़ा गया यह प्रयोग न केवल रोजगार का नया रास्ता दिखाई दिखा दे रहा है बल्कि ग्रामीण अस्त्र व्यवस्था को भी संबल दे रहा है!

हम बात कर रहे हैँ लैलूंगा के ग्राम पंचायत पाकर गाँव के निवासी आनंद कुमार भाट की जो सार्वजनिक शौचालय के बगल में जो छोटा सा कमरा दिया गया है जहाँ आनंद द्वारा किराना ग़ल्ला का दूकान खोला गया है और उनका कहना है कि इस छोटा सा दूकान से मेरे परिवार का गुजारा आसानी से हो जा रहा है इस सहयोग के लिए आनंद शासन को और अपने पंचायत को धन्यवाद और आभार ब्यक्त किया
जनपद पंचायत ले लूंगा द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित सार्वजनिक शौचालय के संचालक को जन भागीदारी से जोड़ते हुए एक-एक कमरा दुकान के रूप में विकसित किया गया है इन दुकानों को स्थानीय बेरोजगार युवाओं और महिला स्वास्थ्य सहायता समूह को सोपा गया है जहां वे जनरल स्टोर पान दुकान, सेलून सिलाई केंद्र चॉइस सेंटर जैसे कार्य कर रहे हैं दुकान संचालक ने बताया कि ऐसा अवसर उन्हें पहली बार मिला है जिसमें वह बिना शहर गए गांव में ही आत्मनिर्भर बन पाए हैं
यह पहला जनपद स्तर से आगे बढ़कर ब्लॉक और जिला स्तर पर एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है
अन्य विकासखण्डो और पंचायत को भी इसी दिशा निर्देश में भी प्रेरित किया जा रहा है तकिया नवाचार एक परिवर्तन का रूप ले सके अगर योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण जरूरत और संसाधनों को केंद्र में रखकर किया जाए तो स्वच्छता जैसे कार्यक्रम भी आर्थिक स्वालंबन और सामाजिक विकास का मजबूत जरिया बन सकते हैं





