सिवनी – जिले में भ्रष्टाचार की गंगा किस तरह से बह रही है इसका जीता जागता उदाहरण लखनादौन तहसील के डूंगरिया जलाशय में एक माह पहले 58 लाख के मरम्मत कार्य को देखकर लगाया जा सकता हैं। जहां पहली ही बरसात में जलाशय की दीवार धसकने लगी हैं और लंबी चौड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन हरकत में नहीं आया हैं वही स्थानीय नागरिक भयभीत नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सिवनी जिले के लखनादौन तहसील अंतर्गत बदनौर ग्राम पंचायत सहजपुरी के पास सन 1987-1988 में डूंगरिया जलाशय का निर्माण जल संसाधन विभाग के द्वारा करोड़ों की लागत से कराया गया था। लगभग एक माह पहले ही जल संसाधन विभाग के द्वारा 58 लाख की राशि से इस जलाशय के मरम्मत कार्य ग्वालियर के ठेकेदार मेसर्स पुष्पेंद्र सिंह के माध्यम से कराए गए थे।
2 साल पहले भी डैम में हुआ था सुराख़, खाली कराए गए थे कई गांव
2 साल पहले भी इसी डूंगरिया जलाशय में बरसात के दौरान दरारें आई थी और यह डैम फूटने के कगार पर पहुंच चुका था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने बदनौर और डूंगरिया ग्राम को खाली कराया था। तब भी जल संसाधन विभाग के द्वारा लाखों रुपए की राशि से मरम्मत कार्य कराकर दरारों को भरकर लीपापोती कर दी गई थी।
पहली बरसात में 58 लाख के मरम्मत कार्य की खुली पोल
बता दें कि जल संसाधन विभाग के द्वारा एक माह पहले ही 58 लख रुपए की राशि से ग्वालियर के मेसर्स पुष्पेंद्र सिंह से डूंगरिया जलाशय में फ्लशबार बार का विस्तारीकरण, फ्लशबार की विग बाल का निर्माण, स्पील चैनल की चौड़ाई बढ़ाना, बंड में खुदाई पिचिंग एवं अर्थ वर्क का कार्य, एस्केप चैनल का निर्माण कार्य, लांगीटयूडनल ड्रेन एवं क्रॉस ड्रेन का निर्माण कार्य कराया गया था।
रोलर से कॉम्पैक्शन नहीं कराने के चलते आई दरारें
डूंगरिया जलाशय में 58 लाख के मरम्मत कार्य में सब डिवीजन में पदस्थ एसडीओ ऋषभ साहू और सब इंजीनियर शंकर लाल त्रिपाठी सहित जिले के कार्यपालन यंत्री वीपी चौधरी तथा ग्वालियर के ठेकेदार मेसर्स पुष्पेंद्र सिंह की अर्थलिप्सा के चलते डूंगरिया जलाशय फूटने के कगार पर है और कई ग्रामों पर बाढ़ मंडराने के संकेत नजर आ रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों से उक्त डूंगरिया जलाशय में ऐसी स्थिति बनी हुई है और लगातार डैम की दीवारों में दरारें चौड़ी और लंबी होती जा रही है उसके बाद भी जिला और स्थानीय प्रशासन हरकत में नहीं आया हैं।





