(शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्थित अपनी 140 एकड़ जमीन बेचेगा। इन जमीनों में पुराना बस स्टैंड, क्षेत्रीय बस स्टैंड, चंडाल भाटा बस्ती, रानीताल बस्ती, आगा चौक बस डिपो, सुहागी, महाराजपुर और लेमा गार्डन क्षेत्र की भूमि शामिल हैं)
जबलपुर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनने जा रहा है। इस परियोजना पर लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नगर निगम ने इस परियोजना को अपने बजट में शामिल कर लिया है।
फंड जुटाने के लिए नगर निगम ने ‘रीडेंसीफिकेशन स्कीम’ के तहत शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्थित अपनी 140 एकड़ जमीन बेचेगा। इन जमीनों में पुराना बस स्टैंड, क्षेत्रीय बस स्टैंड, चंडाल भाटा बस्ती, रानीताल बस्ती, आगा चौक बस डिपो, सुहागी, महाराजपुर और लेमा गार्डन क्षेत्र की भूमि शामिल हैं।
प्रोजेक्ट रिपोर्ट की जा रही तैयार
स्टेडियम के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जमीनों की बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग स्टेडियम के अलावा अस्पताल और दुकानों के निर्माण में भी किया जाएगा।
जबलपुर के सांसद आशीष दुबे ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने जबलपुर की भौगोलिक स्थिति, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और युवा प्रतिभाओं का उल्लेख करते हुए स्टेडियम की आवश्यकता पर बल दिया।
सांसद ने कहा कि जबलपुर में विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं के अभाव में स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “हमारे शहर में अपार खेल प्रतिभाएं हैं, लेकिन एक आधुनिक स्टेडियम न होने के कारण खिलाड़ियों को उचित प्रशिक्षण सुविधाएं नहीं मिल पातीं या उन्हें अन्य शहरों का रुख करना पड़ता है। अब इस स्थिति को बदलने का समय आ गया है।”
“जबलपुर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा स्टेडियम”
सांसद ने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को संवारने में मदद करेगा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों को आकर्षित कर जबलपुर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।
सांसद ने कहा, “जबलपुर को एक विश्वस्तरीय खेल स्टेडियम मिलना चाहिए, जहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, फुटबॉल और एथलेटिक्स प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकें।” अपनी मांग को पुख्ता करने के लिए उन्होंने आंकड़ों का हवाला भी दिया। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन और निजी क्षेत्र भी इस परियोजना का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।
नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम से न केवल खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि व्यापार में वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इससे शहर का समग्र विकास होगा और आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।