जबलपुर से राहुल सेन रिपोर्ट/कार बेचने के नाम पर दो भाइयों ने एक व्यक्ति से झूठ बोलकर और उसे मीठी मीठी बातों में उलझाकर धोखाधड़ी कर दी और 1,90,000 डकार कर बैठ गए। थाना विजयनगर में कल अश्विनी विश्वकर्मा निवासी प्लाट न. 606 जैन मंदिर रोड घडी चौक विजयनगर ने लिखित शिकायत की कि दिनांक 17.8.2023 को आल्टो न्यू मांडल जिसका मांडल वर्ष 2023 का है एवं जिसका रंग सुपर बी ब्लू तथा रजिस्ट्रेशन नम्बर एमपी 20 जेड ई 3624 है जो वाहन स्वामी चन्द्रशेखर सेन निवासी 14425 आकाश विहार ग्राम लमती विजयनगर के नाम पर दर्ज है के द्वारा उसके साथ एक लिखित वाहन विक्रय पत्र को लेख किया था। जिसके एवज मे 2 लाख रूपये विक्रेता के व्दारा वाहन को विक्रय करना लेख किया है। विक्रेता चंद्रशेखर सेन के व्दारा उससे 1 लाख 90 हजार रूपये नगद के रूप में लेना स्वीकार किया है एवं शेष लेन देन 10 हजार रूपये बाकि है। चन्द्रशेखर सेन द्वारा उसे वाहन एवं वाहन के समस्त दस्तावेज भी सौप दिये थे। गाडी की एनओसी विक्रेता चन्द्रशेखर ने 4 महीने पश्चात देने की बात कही एवं एनओसी देने के बाद शेष 10000 रूपये की राशि चन्द्रशेखर को देना तथा दिनांक 17.8.2023 से वाहन की समस्त जिम्मेदारी उसकी होना तय किया गया। विक्रय पत्र हम दोनों पक्षों के व्दारा स्वेच्छा से लेख किया गया था जिसमे गवाह के समक्ष हस्ताक्षर दोनों पक्षों के व्दारा किया गया। दिनांक 17.8.2023 को चन्द्रशेखर सेन ने उसे वाहन दे दिया किन्तु अगले दिन 18.8.2023 को चन्द्रशेखर एवं उसका भाई गिरीश सेन ने उसके घर आकर गाडी एवं गाड़ी के दस्तावेज ये बोलकर ले गये कि गाडी को आप के नाम पर कराने के लिये गाडी को आरटीओ को दिखाना आवश्यक है एैसा कहते हुये गाडी को लेकर चले गये एवं कुछ दिन बाद उसके द्वारा उनसे गाडी के संबंध में पूछने पर गिरीश सेन ने बताया कि उक्त वाहन एमपी 04 जेड ई 3624 को बैंक में चन्द्रशेखर सेन के नाम से बैक मे गिरवी रखी हुई है। पैसे वापस मांगने पर भाई के व्दारा गोल मोल जवाब दिया जाता है। और अब तो फोन को उठाना भी बंद कर दिया है।
पता करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त वाहन गिरीश सेन भोपाल में निवासरत रह कर ओला कंपनी में संचालित कर रहा है। उसे विगत कई वर्षो से दोनों भाइयों के व्दारा भ्रमित किया जा रहा है। दोनों की नीयत शुरू से ही को देने की नही थी एवं दोनो भाइयों के व्दारा उक्त वाहन अनुबंध पत्र के माध्यम से उससे रूपये लेने की थी अब उनके व्दारा वाहन एवं पैसे दोनों देने की नियत नहीं है। शिकायत पर धारा 316(2), 3 (5) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।