शहडोल और उमरिया जिले की सीमा पर स्थित बल्हौड से सटे क्षेत्र में हैवी मशीन लगाकर अवैध रेत का खनन है जारी

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January 30, 2024

by india Khabar 24

आपको बता दें महोबला से महाकाल करा रहा करकटी की ईटीपी पर अवैध खनन


खनिज अधिकारी और कलेक्टर ने दी छूट


बिना पर्यावरण अनुमति के महोबला में उतरे भारी मशीने
इन्ट्रो-मशीनों से रेत के खनन व अवैध उत्खनन को लेकर शोर मचा है। बेधडक़ रेत निकाली जा रही है और खनिज महकमा खामोश बैठा है। ठेका कंपनी द्वारा सोना का सीना बहुत बेदर्दी से छलनी किया गया है। नजारा पिछले सालों से अधिक भयावह है, ठेका कंपनी द्वारा जिम्मेदारों के संरक्षण में बगैर पर्यावरण स्वीकृत के ही उत्खनन शुरू कर दिया है, लेकिन खनिज अमला मौनी बाबा बना हुआ है।
उमरिया। रेत उत्खनन के नाम पर नदियों को माफिया और खनन कंपनियों के सुपुर्द कर दिया गया है। मोटी रकम देकर रेत खदानों का ठेका लेने वाले बाबा महाकाल मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी मोटी कमाई के फेर में नदियों का इस कदर दोहन कर रहे हैं कि इनका अस्तित्व ही संकट में आ गया है। जिसे लेकर एनजीटी, खनिज व राजस्व अमला मूक दर्शक बनकर रह गया है। नदियों के सीने को मशीनों के पंजों से खरोंचा जा रहा है और इसकी धार को भारी-भरकम हाइवा रौंद रहे हैं। बड़ी-बड़ी मशीनें लगातार दिन-रात रेत का उत्खनन किया जा रहा है। रेत निकालने के लिए ठेकेदार ने सभी नियम व शर्तों को ताक पर रख दिया है। माफिया भी बेरोक-टोक खनन के बाद हैवी वाहनों से परिवहन कर रहे हैं।
कायदों की चढ़ा रहे तिलांजलि
रेत खनन कारोबारी ने नदियों में ताडंव मचा रखा है, शहडोल और उमरिया जिला की सीमा पर स्थित बल्हौड़ से सटे क्षेत्र में हैवी मशीनें लगाकर रेत का खनन करा रहे हैं। इतना ही नहीं नदियों के भीतर लंबी सडक़ भी बना ली है। नदियों की बीच गहराई तक रेत खनन हो रहा है। इसके साथ ही नदी में पहाड़ की तरह रैंप भी बना दिए हैं। खदान में नदी की धारा में अवैध खनन कर रेत निकाल रहे हैं। महोबला से रेत खदान से ठेका कंपनी रेत निकाल रही है और करकटी की ईटीपी थमाई जा रही है, महोबला रेत खदान को पर्यावरण स्वीकृत न मिलने के चलते कायदों के अनुसार वहां से उत्खनन करने की अनुमति नहीं है, लेकिन ठेका कंपनी द्वारा कायदों की तिलांजलि चढ़ाते हुए नदी का सीना छलनी किया जा रहा है।
एनजीटी के कायदों को ठेंगा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की अगर बात करे तो उन्हें केवल सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही रेत उत्खनन करने का आदेश दिया गया है, जिसके लिए बाकायदा पिटपास भी जारी किए जाते है, लेकिन इस नियम को ठेंगा दिखाकर रात के अंधेरे में महोबला खदान का सीना चीरकर रेत निकाली जा रही है, मजे की बात तो यह है कि अभी तक मुहबोला रेत खदान को पर्यावरण की स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन खनिज विभाग से सांठ-गांठ कर ठेका कंपनी ने नदी में विशालकाय दानव उतार दिये हैं, जो दिन-रात नदी का दोहन कर रहे हैं। हालाकि कहा जाता है कि जिन खदानों की स्वीकृति मिल भी गई है, वहां भी ठेका कंपनी द्वारा दी गई लीज के चिन्हाकित क्षेत्रों में खुदाई कर रेत नहीं निकाली जा रही है, विधिवत अगर विभागीय जांच की जाए तो, ठेका कंपनी द्वारा चिन्हांकित जगहों से भी हटकर खुदाई कर अवैध रेत निकाला जा रहा है।
कंपनी लगा रही प्रशासन को चूना
जिले में अवैध रेत उत्खनन का काला धंधा बढ़ता ही जा रहा है और प्रशासन इस पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है, सोननदी पर बाबा महाकाल मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा रेत उत्खनन का ठेका लिया गया है। जिसका काम 25 जनवरी से शुरू भी कर दिया गया है, लेकिन वैध खदान में खुलेआम अवैध काम किया जा रहा है, मानपुर तहसील के बलौंढ में सोन नदी के महोबला खदान से रेत ठेका कंपनी द्वारा निकाली जा रही है, लेकिन ईटीपी पाली तहसील के करकटी खदान से जारी हो रही है, 28 जनवरी को सोननदी के मुंहबोला खदान से ट्रक क्र- एमपी 18 एचए 3303 में रेत लोड की गई पर टीपी क्रमांक-4532528980, पाली तहसील के करकटी खदान की दी गई। सूत्रों की माने तो बाबा महाकाल मिनिरल्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी और कई खदानों का संचालन करती है। खनिज संपदा का भरपूर दोहन कर कंपनी रायल्टी के नाम पर मनमानी करते हुए शासन को चूना लगाने का काम कर रही है।
ऐसे कर रहे अलग खेल
रेत ठेका कंपनी द्वारा ऊंचे दामों पर दूरदराज जिलों में रेत बेच रहे हैं, ऐसा नहीं हो सकता कि इतनी बड़ी तस्करी की खबर सरकारी तंत्र को ना हो, बिना सरकारी संरक्षण के यह कारोबार चलाना मुमकिन नहीं है, मुख्य मार्ग से बिना जांच के फर्राटे भरने वाले वाहनों पर कार्रवाही नहीं होने से प्रशासन और पुलिस की साख पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है, मोहबला रेत खदान में नदी की धार के साथ छेड़छाड़ ठेका कंपनी द्वारा की गई है, सबसे बड़ा पहलू यह है कि जब ईटीपी सतना के लिए जारी हो रही है तो, रेत आखिर नौगाद कैसे पहुंच रही है, जबकि सतना से नागौद की दूरी 40 किलोमीटर है। ठेका कंपनी द्वारा किये जा रहे अवैध कृत्य के चलते प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है, लेकिन इससे ठेका कंपनी का अवैध कृत्य के लिए मनोबल मजबूत हो रहा है।
यह भी कहते हैं कायदे
कायदों के अनुसार ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय पर खदान स्थल पर सूचना पटल लगाया जाना चाहिए, सूचना पटल पर विभिन्न जानकारियां यथा-खदान, खसरा क्रमांक, रकबा, ठेका अवधि, ठेकेदार का नाम, पता तथा मोबाइल नंबर, विक्रय दर प्रदर्शित करना होगा, यह जानकारी विभागीय वेब पोर्टल पर भी प्रदर्शित की जायेगी, लेकिन बाबा महाकाल मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के कारिंदों द्वारा खनिज अधिकारी और कलेक्टर से मिली छूट का फायदा उठाते हुए नदियों का दोहन शुरू कर दिया है, नदियों में मशीनों का उपयोग पांच हेक्टेयर तक वाली खदानों में नहीं हो सकता। निर्धारित एरिया के बाहर खनन कर रेत नहीं निकाली जा सकती है। पानी वाले क्षेत्र में अधिकतम 3 मीटर की गहराई तक ही खनन किया जा सकता है, लेकिन जिले में इसके उलट चल रहा है, अगर ऐसा ही चलता रहा तो, आने वाले दिनों में नदी अपने अस्तित्व की तलाश करती नजर आयेगी।
इनका कहना है…
मोहबला की खदान की अनुमति अभी नहीं मिली है, यदि अवैध उत्खनन और करकटी खदान की ईटीपी काटकर वहां बेची जा रही है, तो यह अपराध है, हम मामले की जांच करेंगे।
दिवाकर चतुर्वेदी
खनिज निरीक्षक
उमरिया

मैं एक हफ्ते से अवकाश पर थी, अभी वापस लौट रही हूं, सोन नदी के मोहबला नामक खदान से अवैध उत्खनन की जानकारी नहीं है, कल पहुंचकर ही जांच की जायेगी।
फरहत जहां
खनिज अधिकारी
उमरिया फरीद खान की रिपोर्ट

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